ichhadhari nag ne bachaya ek chandal aatma se bhoot ki kahani


इच्छाधारी नाग ने बचाया एक चंडाल आत्मा से भूत की कहानी 














आप सभी ने इच्छाधारी नागो की कहानी या फिल्मे जरूर देखि होंगी जिसमे बताया जाता है की इच्छाधारी नाग में वो शक्तिया होती हैं जो किसी नाग आ जाये तो उसे शक्तिशाली बना सकती और इतना शक्तिशाली बना सकती हैं की वह किसी आपत्ति का सामना कर सकता हैं और अपनी शक्तिओं के बल पर विजय प्राप्त कर सकता हैं। ऐसी एक कहानी आप को बताने जा रहे जो एक प्रेत आत्मा और इच्छाधारी नाग की कहानी जो अपनी दोस्ती के खातिर एक चंडाल आत्मा से भिड़ जाता हैं आइये चलते है कहानी की और।
ichhadhari nag ne bachaya ek chandal aatma se bhoot kahani







एक किसान रामु अपने अपने खेत पर जा रहा था। उस समय बहुत ज्यादा ठंडी पड़ रही थी रामु खेत की खुदाई करने के लिए खेत पर गया था।  खुदाई करते करते उसे एक साप का छोटा सा बच्चा पड़ा दिखाई दिया वह साप का बच्चा पुरे तरीके से अकड़ चूका था। रामु को यह सब देखकर बहुत ही बुरा लगा और उसने एक लकड़ी से उस साप के बच्चे को हिला डुला  कर देखा तो वह लकड़ी के बार बार स्पर्श से हल्का सा हिला रामु ने सोचा की यह अभी तक ज़िंदा हैं रामु ने जल्दी से कुछ लकडिया उठाई और कुछ झाड़ उस साप के बच्चे से थोड़ी दूर पर आग जला दी  उस टाइम पर इतनी ठण्ड पद रही थी की वह साप का बच्चा कुछ ही घंटों में अपना दम  तोड़ देता जब आग की आच उस साप के बच्चे के शरीर पर पड़ने लगी तो 1 घंटे में वह हिलने डुलने लगा और घंटो तक वही पर बैठा रहा रामु अपना काम करने लगा जब शाम होने बाली थी। तब रामु अपने घर आने बाला था तो एक नज़र साप के बच्चे पर डाली वह साप का बच्चा वही पर बैठा था क्योकि वहा पर आग की गर्मी से वह साप का बच्चा वही पर बैठा था। रामु ने थोड़ा सा पिराल और कुछ फटे हुए कपडे उस साप के बच्चे के ऊपर डाल  दिए ताकि रात भर ठण्ड न लग सके। और रामु अपने घर को चला जाता है।

और दिन जब अपने खेत पर आता हैं तो फिर उसी जगह पर नज़र मरता है तो वह साप का बच्चा वही पर बैठा हुआ और  भूखा भी था। रामु अपने साथ खाना भी बांध कर लाया था। और साथ दूध भी एक बर्तन में लाया था। रामु ने एक बर्तन दूध भर कर साप के बच्चे के पास रख दिया ताकि वह दूध को पी सके जिससे उसकी कमज़ोरी दूर हो सके रामु अपने काम  पर लग जाता हैं 2 घंटे बाद वहां जाकर देखता हैं। तो वह साप का बच्चा दूध को पी चूका था। और अच्छी तरह से  हुआ था। रामु ने फिर थोड़ा दूध उस  दिया उसमे से उसने आधा था और फन उठाकर रामु को देख रहा था। वह साप का बच्चा रामु को बहुत देर तक देखता रहता हैं। वह से चला जाता हैं। रामु जब अपने खेत पर आता वैसे वह साप रामु के पास आ जाता रामु और उस साप की दोस्ती  थी। रामु रोजाना साप के लिए दूध लेकर पिलाता था वह साप बड़ा हो गया था। और के पास खेत के आस पास ही रहता था उन दोनों की दोस्ती केवल खेत तक थी। क्योकि साप रामु के घर नहीं गया था इसलिए साप रामु का इंतज़ार खेत पर ही करता था। ichhadhari nag ne bachaya ek chandal aatma se bhoot kahani

लेकिन रामु को नहीं पता था की वह कोई साधारण साप नहीं हैं। वह एक इच्छाधारी साप था।  सापों को लेकिन इस  साप की शक्ति जागरूक नहीं हुई थी। साप को बस रामु के पास रहना पसंद था।  वह दिन भर खेत  पर  रामु के साथ रहता था। रामु के साथ रहते रहते उस साप को को साढ़े चार हो चुके थे। रामु साप के बगैर नहीं रह पता था।  और साप रामु के बगैर नहीं रह पता था। रामु दिल से बहुत साफ आदमी था वह था तो गरीब लेकिन वह हर किसी की मदद जरूर करता था। रामु ने खेत पर आना बंद कर दिया क्योकि उसकी जगह पर और कोई आने लगा साप रामु को देखता की वह कब आएगा लेकिन रामु चार महीने तक खेत पर नहीं आया वह साप बार बार चक्कर लगाता रहता था और देखता था की रामु अभी तक नहीं आया हैं। एक महीने बाद साप की साडी शक्तिया जागरूक हो जाती हैं। और उसे नागमढ़ी हाशिल हो जाती हैं। और साप इच्छाधारी नाग बन जाता हैं। और रामु के परोपकार को याद करता हैं और ढूढ़ने की कोशिश करता हैं। लेकिन रामु का पता नहीं चल पाता  हैं।


इच्छाधारी नाग अपनी दिव्या शक्ति से रामु को खोजने की कोशिश  करता हैं और वो क्या देखता हैं। की रामु एक झोपडी में अकेला पड़ा हुआ था और साथ में उसकी की बीबी बैठ  कर रो रही थी। इच्छाधारी नाग सोच में पद जाता है की ऐसा क्या हुआ जो रामु की ऐसी हालत हो गयी। इच्छाधारी नाग रूप बदल कर उस झोपडी में जाता है और उसकी बीबी से कहता की में रामु का दोस्त हूँ रामु के साथ ऐसा क्या हुआ जो उसकी हालत ऐसी हो गयी  रामु की बीबी बताती हैं। पांच महीने पहले हम सब खुस रहा करते थे।  की अचानक रामु की तबियत ख़राब होने लगी हमने सभी जगह रामु का इलाज कर वाया लेकिन कही पर भी रामु का इलाज नहीं हो पाया फिर हम रामु को लेकर बड़े हॉस्पिटल लेकर गए जिसमे हमारी जमीन जायदाद सारी बिक गयी लेकिन रामु का इलाज  नहीं पाया सारा का सारा पैसा रामु के इलाज के लिए रामु पर लगा दिए और अब इस हालत में रह रहे है। इच्छाधारी नाग ने रामु हाथ पकड़ा फिर अपनी दिव्या शक्ति का इस्तमाल करके बीमारी का पता लगाने की कोशिश की लेकिन इच्छाधारी नाग को कोई ऐसी नहीं दिखाई दी जिससे रामु की ऐसी हालत कर सके इच्छाधारी नाग ने  शक्तिओं पर और ज़ोर डालके देखा तो उसे एक चंडाल आत्मा का साया दिखाई दिया वह चंडाल  आत्मा इच्छाधारी नाग को घुर्रा कर देख रही थी। इच्छाधारी नाग को यह देखकर आँसू आ गए की जिसने मेरी जान बचाई थी आज उसकी जान खतरे में हैं। इच्छाधारी नाग बहुत ज्यादा क्रोधीध हो जाता हैं। इच्छाधारी नाग का खून खोल उठता हैं। और ईश्वर से प्राथना करता हैं की मेरी पूरी शक्तियों को जागरूक करे ईश्वर का नाम लेता हैं। ichhadhari nag ne bachaya ek chandal aatma se bhoot kahani

इच्छाधारी नाग आँखों में गुस्से से खून उतरने लगता हैं और रामु का हैट पकड़ कर उस आत्मा को रामु के शरीर से निकालने का प्रयास करता हैं लेकिन वह भी चंडाल आत्मा थी आसानी थोड़ी मानने बाली थी। इच्छाधारी नाग ने  आत्मा को समझाया  रामु का शरीर छोड़ दे नहीं बहुत बुरा होगा लेकिन आत्मा ने नहीं माना और फिर इच्छाधारी नाग को गुस्सा आ गया और अपनी शक्तियों का प्रयोग करके चंडाल आत्मा को रामु के शरीर से बहार कर देता हैं रामु के शरीर के चारो तरफ एक गोल घेरा बना देता हैं। जिससे दुवारा चंडाल आत्मा रामु के शरीर में प्रवेश न कर सके रामु के शरीर  बहार आते ही वह आत्मा इच्छाधारी नाग पर हमला कर देती हैं लेकिन इतनी आसानी से इच्छाधारी नाग हराना नामुमकिन था। चंडाल आत्मा और इच्छाधारी नाग की लड़ाई होती रही अंत में इच्छाधारी नाग ने उस चंडाल आत्मा को अपनी शक्ति से आत्मायों की दुनिया में भेज दिया और उस चंडाल आत्मा से रामु को छुटकारा मिल जाता हैं। इच्छाधारी नाग रामु को जमीन में गड़ी सोने के सिक्को की मलसियां देता है और फिर से रामु अपनी ज़िन्दगी को खुशहाल ज़िन्दगी कर देता है।

अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा यह सब इंसान के हाथ में होता हैं

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