rahashyami kunda | bhoot ki kahani

                              हष्यमी कुंडा bhoot ki kahani 













जय महा काली दोस्तों आज आप को एक एसे कुंडे के बारे में बतायेगे जो शायद बहुत कम लोगो ने देखा या सुना होगा .


rahashyami kunda | bhoot ki kahani
bhoot ki kahani 


यह कुंडा उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद जिले गणेशपुर की पुलिया के पास हैं .इस कुंडे राहश कोई नहीं सुलझा पाया हे मेरी उम्र ३१ साल हे जब मेरी उम्र 10 या 12 की थी तब से में इस कुंडे को जनता हूँ .यह कुंडा रहश्यमी कुंडा हे इसके पास में कलि का मंदिर हे ओर पीपल् का  पेड़ हे पीपल के थोड़े पास में यह कुंडा हैं . में सुनता आ रहा हूँ की कितना भी सूखा पड़ जाए लेकिन इस कुंडे का पानी नहीं सूखता . इस कुंडे की कोई भी गहरे नहीं नाप पाया हैं .

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25 साल पहले इस कुंडे पास कई हादसे हुए इस कुंडे के पास से NH 24 हाईवे गुजरता हैं जो पहले के समय में बहुत छोटा था इस कारण हादसे हुआ करते थे . जो दो वाहन हि निकल पाते थे हादसे में वाहन इस कुंडे में चला जाता तो उसका कुछ पता नहीं चलता था कि वह कहा चला गया इसमें एक टैंककर अपना नियंत्रण खो कर कुंडे में चला गया तो उसका कुछ पता नहीं चला इसके बाद एक कार इस कुंडे में चली गयी उसका भी कोई पता नहीं चला .

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इस हादसे में कर के अन्दर दो या तीन लोग थे मोके पर पहुची पुलिस ने जब छानबीन सुरु की और गोताखोरों को बुलाया गया 24 घंटे ओप्रतिओं चलता रहा गोताखोरों को कोई सुराग नहीं मिला न ही उस कुंडे की गहरे की कोई थाई हाथ नहीं आई इन हादसों को रोकने के लिए प्रशाशन ने बहुत सी मालगाड़ियों से पत्थर मगाए ओर उस कुंडे को पाठने के उसमे पत्थर डलबाये कई मालगाड़ियों के पत्थर इस कुंडे में डलबाये लेकिन कोई फायेदा नहीं हुआ .

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उस कुंडे को एसे ही रहने दिया गया .बताते हे कि यहाँ काली का मंदिर की कुदरती ताक़त की वजह से एसा होता हे इस मंदिर की मान्यता बहुत ज्यादा हो गयी हे बहुत दूर - दूर के लोग दर्शन करने को काली मंदिर आते हैं. २००९ तथा 2010 की बात हे इन दोनों सालों में बहुत भयानक बाड आई जिसमे सभी के ज्यादा से ज्यादा घरों में पानी घुश गया नीचे स्थान पर जिन लोग के घर थे उन घरों में आधे से अधिक पानी घुस गया . इतनी खतरनाक बाड़ थी सडको को भी उखाड़ दिया गणेशपुर की पुलिया जहा क्रोशिंग हे वह पूरा रोड बुरी तरीके टूट चूका था .

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इन दोनों बाड़ों बहुत हानि पहुचाई लेकिन काली माता का मंदिर एसा का एसा ही खड़ा रहा आप अंदाजा लगा सकते हे यहाँ कोई न कोई शक्ति तो जरुर हे पहले जंगल होने के कारण कम से कम लोग काली माँ के दर्शन करने जाते अब यहाँ काफी तादात में माँ के दर्शन को जाते हैं bhoot ki kahani.

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