dhongi baba ko bhoot ne shikhaya sabak | ghots stories
bhoot ki kahaniyan हम बच्चपन से सुनते आ रहे है इन कहानियों मे कितनी सच्चाई होती है ये हमे विलकुल भी पता नहीं होता। दोस्तो आज हम आपके लिए लाये है एक ऐसी ghots stories जो एक ढोंगी बाबा को अपनी करनी का फल भुगतना पड़ा।
दोस्तो यह कहानी एक बड़े से गाँव की है जहा पर लगभग 7 से 8 हजार की आबादी होती है उस गाँव का नाम होता है ( कलपिनिक नाम ) सिमली। ये बात काफी पुरानी है जब लोगो के पास टीवी या इंटरनेट की सुबिधा विलकुल नहीं थी। ऐसे मे जब किसी की तबीयत भी खराब हो जाती थी तब वहा लोग सीधा झाड फूक वालों के पास ले जाया करते थे ताकि उस आदमी मे झाड फूक मदद से ठीक किया जा सके। उस समय मे लोग छोटा सा मेजिक देखकर उस पर भरोषा कर लेते थे जो इस मेजिक को दिखाता था उसको भगवान मान लेते थे।
सिमली गाँव मे एक आदमी जिसका नाम था चंदू वह आदमी कही बाहर से आया था और उस गाँव मे बाबा का भेष बनाकर रहने लगा था। उसका मक़सद लोगो को अंधविश्वाश मे डालना था और बहुत सा पैसा कमाना था। चंदू हाथ की सफाई बहुत अच्छी तरह से जानता था इसलिए उसको किसी भी आदमी को मूर्ख बनाना अच्छी तरह से आता था।
चंदू उस गाँव मे लगभग एक महीने तक अंजान की तरह रहा लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा था वैसे वैसे लोग चंदू को जान रहे होते है। चंदू की कुछ समय बाद गाँव मे अच्छी जानकारी हो जाती है तब वह अपना प्रचार करने लगता है कि वह बहुत बड़ा तांत्रिक है और सभी छीजो का इलाज अच्छी तरह से जानता है लोग उस पर भरोषा तो नहीं कर रहे थे लेकिन एक बार उसके पास गाँव का ही एक मरीज आता है उस मरीज को तेज बुखार आ रहा होता है उस मरीज के साथ कुछ अन्य लोग भी आते है। यह समय चंदू के लिए ठीक था क्योकि जब इस मरीज को चंदू ठीक कर देता है तो चंदू कि यहा पर चाँदी वाली थी।
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चंदू इतना अच्छी तरह से जानता था कि तेज बुखार आने पर क्या किया जाता है चंदू ने सबसे पहले उस मरीज अपनी हाथों कि सफाई के जरिये एक फल प्रकट किया और उस मरीज को खिला दिया। बाद मे पानी पट्टियाँ लेकर मरीज के सर पर रखी कुछ घंटे बाद मरीज कि हालत मे सुधार आ जाता है और मोजूद लोग भी उस बाबा पर भरोषा करने लगते है। यहा से चंदू का बिजनेस स्टार्ट हो जाता है उस गाँव मे जब भी किसी आदमी को कोई भी परेशानी होती तो वो आदमी सीधा चंदू बाबा के पास आता था।
चंदू बाबा अच्छा खासा नोट छापने लगा था। चंदू का काम सिर्फ उस गाँव मे लोगो को मूर्ख बनाना था जब चंदू के इलाज के वक़्त किसी आदमी कि मौत हो जाती थी तब चंदू सिर्फ भगवान को इसका सीधा जिम्मेदार ठहरा देता था वह लोगो से कहता था इस आदमी की मौत बागवान ने तय कर दी थी इसलिए मे इस आदमी को नहीं बचा पाया। उस गाँव के लोग भी उसकी बात का भरोषा किया करते थे इसलिए वो चंदू से कुछ नहीं कहते थे। चंदू को उस गाँव मे लोगो को मूर्ख बनाते बनाते एक साल बीत चुका था।
ghost stories:- यहा होता है चंदू बाबा का असली ड्रामा
साल भर बीतने के बाद चंदू बाबा के पास एक मरीज आता है जो न कुछ बोल रहा होता है और न ही कुछ सुन रहा होता है। चंदू ने उस मरीज को एक मंत्र मार कर और तिलक कर कर घर भेज दिया लेकिन घर जाते ही वह मरीज बुरी तरह से अपना शरीर तोड़ रहा होता है जैसे कोई आदमी तड़प रहा हो। उस मरीज के घर वाले उसको लेकर फिर से चंदू के पास जाते है और चंदू देखता है कि मरीज अजीब सी हरकत कर रहा होता है जैसे कोई पागल करता है। चंदू फिर उस मरीज को ठंडा पानी पीलाता है ताकि उसका जिश्म ठंडा हो सके और वो आदमी अपने होश मे आ सके लेकी ऐसा करने से भी उस मरीज को कुछ असर नहीं होता है।
ऐसे चंदू बाबा की सभी लोगो के सामने बेजती हो रही थी तब चंदू ने सभी लोगो से कहा आप इस मरीज को मेरे पास छोड़ जाओ और सुबह ही इस मरीज को मे ठीक कर दूंगा और जब ये ठीक हो जाए तो आप इसको ले जाना। ऐसा सुनकर सभी गाँव के लोग वहा से चले जाते है। चंदू उस मरीज को अपने कमरे के एक बेड पर लिटा देता है और उसको नींद की गोलियां खिला देता है। वह मरीज तो नींद मे सो जाता है और चंदू भी अपने कमरे मे सो जाता है जैसे ही रात के 12 बजे से ऊपर का टाइम होता है तब उस आदमी के ऊपर वही भूत आ जाता है जो उसके शरीर मे पहले से ही होता है।
कहते है कि 12 बजे के बाद भूतो कि ताकत चार गुना बाद जाती है ये वही असर था कि वह मरीज गहरी नींद मे था फिर भी उसका शरीर काम कर रहा था। उस मरीज के शरीर को लेकर वह bhoot चंदू के विस्तर पर जाकर आराम से लेट जाता है और उसको घूरने लगता है कुछ देर बाद चंदू आँख खुल जाती है और चंदू उस भूतिया आदमी को देखकर चीख जाता है। रात के समय मे उस भूतिया आदमी कि आँखें सिर्फ सफ़ेद रंग की ही दिखाई देती है। इस तरह का भयानक चेहरा देख चंदू झटपटा जाता है और वहा से भागने की कोशिश करता है लेकिन वह भूत उसे भागने नहीं देता है। उस कमरे के दरबाजे चंदू खोलने की कोशिश करता है लेकिन वह खोल नहीं पाता है।
वह भूतिया आदमी कभी चंदू का गला दबाता है तो कभी उसको ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ झड़ता है चंदू सिर्फ यह सोचता है कि यहा से कैसे भी करके जिंदा निकल जाऊ। उस चंदू बाबा की नंबर 1 और 2 उसी कमरे मे निकल जाती है। चंदू को वह भूत रात भर मारता रहा जब सुबह के 4 बजे तब जाकर उस मरीज के शरीर मे से वह भूत निकला लेकिन चंदू अब भी डर रहा था कि यह फिर से उठकर फिर से मेरी पिटाई करेगा। चंदू आहिस्ता आहिस्ता दरबाजे तक पहुंचा और दरबाजा इस तरह से खोलने लगा ताकि उस भूतिया आदमी को जरा सी भी भनक न लगे।
चंदू जैसे ही दरबाजा खोल लेता है तो सिर्फ मम्मी का नाम लेकर वहा से भागने लगता है इतना भागता है कि उस गाँव से बाहर चला जाता है। चंदू को असली शक्ति से पाला पड़ चुका था इसलिए उसको समझ मे आ जाता है कि किसी का बुरा करोगे को ऊपरवाला तुम्हारा भी बुरा करेगा।
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