shaapit ghar, horror story in hindi
दोस्तो हमारे ब्लॉग मे आपका बहुत- बहुत स्वागत हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे मे बताने जा रहे है जो एक शापित घर की कहानी आइये पड़ते इस कहानी को।
horror story in hindi |
एक प्रॉपर्टी ने अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए सोचा जो कि कई सालों से वीरान पड़ी थी। प्रॉपर्टी डीलर को इस बता का अंदाजा नहीं था कि खाली पड़ी जमीन पर एक जगह पर एक लाश दफन है। इस बात को प्रॉपर्टी डीलर को विलकुल भी अंदाजा नहीं था। यह नहीं पता था कि उसकी खाली पड़ी जमीन पर एक एक अंजान लाश दफन है और ये भी नहीं जानता था कि इस लाश किन लोगो ने दफनाया था। कुछ बदमाशो ने एक अंजान आदमी को मार कर उसकी लाश को प्रॉपर्टी डीलर कि जमीन पर दफना दिया था कि किसी को पता न चल सके की इस आदमी मौत हो चुकी है।
जमीन के अंदर काफी गहराई मे इस लाश को दफनाया गया था कि किसी जानवर को भी पता न चल सके यहा पर लाश दफन है। कई सालों से इस प्रॉपर्टी मे लाश दफन थी इस बात का खुद प्रॉपर्टी डीलर को भी पता नहीं था। प्रॉपर्टी डीलर अपनी प्रॉपर्टी बेचने का मन बना लिया था। प्रॉपर्टी डीलर ने इस प्रॉपर्टी को कई भागो ने बाटा और छोटे छोटे प्लाट बना दिये ताकि घर बनाने के लिए ये प्लॉट बेचे जा चुके। यह प्लॉट बारी बारी से बिकने लगे और तीन चार महीने मे सारे के सारे प्लॉट बिक गए। जिन लोगो ने इन प्लॉटो को खरीदा था। वह अपने इन प्लॉटो पर घर बनाने लगे। धीरे धीरे इस प्रॉपर्टी पर घर बनने लगे।
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जी जमीन पर उस अंजान आदमी की लाश दफन थी। वो प्लॉट संजय के हिस्से मे आया जो अपने परिवार के साथ किराए मकान पर रहकर अपनी नौकरी कर रहा था। संजय के परिवार मे संजय की पत्नी और एक 5 साल का बेटा था। संजय का बाकी परिवार 300 किलो मीटर दूर एक गाँव मे रहता था। संजय गाँव से 300 किलो मीटर दूर नौकरी करने के लिए आया था। संजय ने इस प्लॉट को इस लिए खरीदा था की उसके पास भी अपना घर होना चाहिए और किराए के पैसे बच पाये।
संजय साल भर नौकरी करके पैसा इकट्ठा कर रहा था की उस प्लॉट पर घर बना सके। संजय ने कड़ी मेहनत करके एक साल बाद इस मकान को बनबाना श्रुर कर दिया और संजय का घर तीन चार महीने मे बन चुका था। संजय का घर जब पूरी तरह से तेयार हो गया तो वो अच्छा सा दिन का इंतजार कर रहा था ताकि अपने परिवार के साथ अपने घर मे प्रवेश कर सके। संजय ने अपने करीबियों से जानकारी ली की कौन सा दिन सबसे अच्छा रहेगा और उसके करिबियों ने संजय से कहा की आप कोई से दिन भी घर मे प्रवेश कर सकते हो सभी दिन अच्छे होते है। shaapit ghar, horror story in hindi.
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संजय ने सबकी बात को माना और घर मे प्रवेश करने के लिए सोमवार का दिन चुना। संजय ने किराए घर खाली किया और सोमवार के दिन अपने नए घर मे प्रवेश कर लिया। संजय का परिवार बेहद खुस था कि वह अपने घर मे रह रहे है। 2 महीने तक तो संजय का परिवार खुशहाल रहा उसके बाद आजीबो गरीब घटनाए घटने ने लगी। संजय और उसकी पत्नी को रात को भयानक सपने आने लगते है ये सपने इतने भयानक होते है कि गहरी से गहरी नींद मे संजय और उसकी पत्नी को डरा देते है। 15 दिनो तक दोनों को डरावने सपने आते रहे संजय और संजय इन सपनों पर ज्यादा नहीं दे रहे थे क्योकि ये समझ रहे थे कि ऐसे सपने अक्सर हर किसी को आते रहते है।
धीरे - धीर दिन बीते गए और दोनों के सपने आने बंद हो गए। कुछ और महीनो के बाद के संजय के घर मे अन्य घटनाए भी घटने लगी थी। संजय जब अपनी नौकरी करने घर से चला जाता था तब संजय की की पत्नी अपने घर के काम मे व्यस्त हो जाती। वही संजय का बेटा घर मे अकेला खेलता रहता था। एक दिन संजय की पत्नी घर मे काम कर रही थी तब उसका बेटा घर मे एक कमरे मे खेल रहा था। अचानक से कमरे से उसके बेटे की रोने की आबाज आती है। संजय की पत्नी अपने बेटे देखने के लिए जाती है तब उसका बेटा कमरे के एक कोने पर रो रहा होता है। संजय की पत्नी अपने बेटे को चुप करा लेती है संजय की बीबी समझती है कि उसका बेटा खेलते- खेलते सायद गिर गया हो इसलिए वह रो रहा होगा।
असल मे बात कुछ और थी उस बच्चे को एक भयानक चेहरा दिखा था जो उस भयानक चेहरे को देखकर बच्चा डर गया था। बच्चा जब भी अकेला खेलता था तभी उस अंजान आदमी की आत्मा उस बच्चे के सामने आ जाती थी और बच्चा डर जाया करता था। ऐसा चलते चलते 8 दिन हो गए थे बच्चे की सेहत भी खराब होने लगी थी बच्चा डरा डरा सा रहता था। संजय की पत्नी ने अपने पति को यह बात बताई। संजय सब कुछ सुनकर यह अंदाजा लगाया की बच्चे की तबीयत खराब हो रही होगी इस लिए उनका बेटा रोने लगता है संजय ने अपने बेटे को अच्छे डॉक्टर को दिखाया और डॉक्टर ने संजय को बच्चा ठीक होने की बात कही। संजय ने डॉक्टर की बात सुनकर अपने बेटे को घर लेकर आ जाता है।
अपनी पत्नी से सब कुछ ठीक होने की बात करता है। संजय का बेटा कुछ दिन बाद अजीबो गरीब हरकते करने लगता है। संजय के बेटे की हालत ऐसी होने लगती है जैसे उसे कोई दोहरा पड़ रहा हो। संजय की पत्नी अपने बेटे को इस हालत मे देखकर घबरा जाती है और तुरंत अपने पति संजय को फोन करके बुलाती है संजय तुरंत काम छोड़कर अपने घर आ जाता है और अपने बच्चे को ले जाकर एक डॉक्टर को दीखता है। डॉक्टर उस बच्चे का इलाज करने लग जाते है लेकिन बच्चे की सेहत और भी ज्यादा खराब होने लगती है। बच्चा पहले तो बोल भी रहा था लेकिन पाँच दिन अस्पताल मे रहने के बाद बच्चे का बोलना भी बंद हो जाता है।
संजय को कुछ समझ मे नहीं आ रहा था कि आखिर इस परस्तीथी मे क्या करे संजय अपने परिवार को इस बात को बताता है और रोने लग जाता है। यह सब सुनकर संजय के पिता जी ने कहा की अपने बेटे और बीबी को लेकर जल्दी से घर आ जाए। संजय अपने पिता की बात मानकर अपने गाँव के लिए रवाना हो जाता है। गाँव मे पहुचते ही अपने पिता के गले लगकर रोने लगता है और कहता है कि मेरे बेटे कि जान बचा लो नहीं मे भी मर जाऊंगा। संजय के पिता अपने पोते को लेकर एक बाबा के पास पहुच जाते है और उस बाबा को अपना पोता दिखते है। बाबा bhoot preto का इलाज किया करते थे इस मामले मे बाबा पहुचे हुये थे।
बाबा ने बच्चे को देखकर तुरंत बता दिया कि तुम्हारे बच्चे के अंदर एक आत्मा वास कर चुकी है और इस आत्मा ने बच्चे को बुरी तरह से जकड़ लिया है चार दिन तक इस बच्चे को मेरे पास लाना होगा और बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। संजय पिता ने जब ऐसा सुना तो वह खुशी से झूम उठे। और बाबा से कहा जैसा आप कहे वैसा ही होगा लेकिन मेरे पोते को ठीक कर दो। बाबा ने बच्चे के ऊपर से उस आत्मा को एक एक करके पाँच दिन तक हटाया और बच्चे कि हालत धीरे धीरे सुधरने लगी पाँच दिन के बाद बच्चा बोलने भी लगा था। 5 दिन हो जाने के बाद बाबा ने कहा कि आपका बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया है।
बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया था और खेलने भी लगा था। 15 दिन गाँव मे रुकने के बाद संजय नौकरी के लिए शहर जाने को कह रहा था क्योकि संजय को नौकरी भी करनी थी। संजय अपने बेटे और पत्नी को लेकर फिर उसी शापित घर मे जाता है जिस घर मे उसके बेटे कि तबीयत खराब हुई थी लेकीन संजय को यह नहीं पता था कि इस घर कि वजह से उसके बेटे ही हालत खराब हुई थी। संजय को दो ही दिन हुये थे इस घर मे फिर से उसके बेटे की हालत वैसी ही हो गई थी। संजय जब देखता है उसका बेटा पहले की तरह से हो गया है तो नौकरी छोड़कर फिर से भाग पड़ता है अपने गाँव की तरफ। अपने बेटे को उस बाबा के पास ले जाता है जिस बाबा ने उसके बेटे का पहले इलाज किया था। बच्चा उसी हालत मे होता है जिस हालत मे पहले हो गया था। बाबा बच्चे को देखता है वही आत्मा होने की बात कहता है।
बाबा भी हैरान हो जाते है जब देखते है वही आत्मा उस बच्चे के शरीर मे दुवारा से प्रवेश कर गई है और अपनी शक्तिओ दुवारा पता लगाने का प्रयास करने लगते है। बाबा को अपनी शक्तिओ से यही पता चलता है असली जड़ वह शापित घर है जहा पर संजय परिवार रहा करता था। बाबा ने फिर से बच्चे को ठीक किया और संजय के नए घर मे पता लगाने की कोशिश आखिर ये आत्मा बच्चे पर बार बार क्यो आ रही है। बाबा घर मे के चरो तरफ पता लगाने की कोशिश करते है कि यहा कोई अंजान शक्ति तो नहीं है।
बाबा को इसका सुराग मिल जाता है। बाबा संजय को बताते है इस घर के अंदर एक अंजान आदमी कि लाश दफन है जिसकी आत्मा तुम्हारे बेटे को परेशान कर रही है और साथ मे ये भी बताते है कि आत्मा इसलिए गुस्से मे आ गई थी क्योकि आपने इस कि कब्र पर गुसलखाना (टॉइलेट) बना लिया था। संजय बाबा से कहता है बाबा हमे तो इस बात कि जानकारी नहीं थी अगर हमे सच्च पता होता तो हम ऐसी गलती कभी नहीं करते। बाबा ने उस aatma को समझाया और इसको एक गलती के रूप मे बताया। संजय ने भी इस आत्मा से माफी मागी और अपनी कि गलती को सुधारा और फिर कभी भी इस आत्मा ने संजय के बेटे को परेशान नहीं किया।
दोस्तो आपको horror story in hindi कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताए अगर आप भूत कि कहानिया पड़ना पसंद करते है तो हमारे ब्लॉग का नाम जरूर याद रखे आपका दिन शुभ रहे।
धीरे - धीर दिन बीते गए और दोनों के सपने आने बंद हो गए। कुछ और महीनो के बाद के संजय के घर मे अन्य घटनाए भी घटने लगी थी। संजय जब अपनी नौकरी करने घर से चला जाता था तब संजय की की पत्नी अपने घर के काम मे व्यस्त हो जाती। वही संजय का बेटा घर मे अकेला खेलता रहता था। एक दिन संजय की पत्नी घर मे काम कर रही थी तब उसका बेटा घर मे एक कमरे मे खेल रहा था। अचानक से कमरे से उसके बेटे की रोने की आबाज आती है। संजय की पत्नी अपने बेटे देखने के लिए जाती है तब उसका बेटा कमरे के एक कोने पर रो रहा होता है। संजय की पत्नी अपने बेटे को चुप करा लेती है संजय की बीबी समझती है कि उसका बेटा खेलते- खेलते सायद गिर गया हो इसलिए वह रो रहा होगा।
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असल मे बात कुछ और थी उस बच्चे को एक भयानक चेहरा दिखा था जो उस भयानक चेहरे को देखकर बच्चा डर गया था। बच्चा जब भी अकेला खेलता था तभी उस अंजान आदमी की आत्मा उस बच्चे के सामने आ जाती थी और बच्चा डर जाया करता था। ऐसा चलते चलते 8 दिन हो गए थे बच्चे की सेहत भी खराब होने लगी थी बच्चा डरा डरा सा रहता था। संजय की पत्नी ने अपने पति को यह बात बताई। संजय सब कुछ सुनकर यह अंदाजा लगाया की बच्चे की तबीयत खराब हो रही होगी इस लिए उनका बेटा रोने लगता है संजय ने अपने बेटे को अच्छे डॉक्टर को दिखाया और डॉक्टर ने संजय को बच्चा ठीक होने की बात कही। संजय ने डॉक्टर की बात सुनकर अपने बेटे को घर लेकर आ जाता है।
अपनी पत्नी से सब कुछ ठीक होने की बात करता है। संजय का बेटा कुछ दिन बाद अजीबो गरीब हरकते करने लगता है। संजय के बेटे की हालत ऐसी होने लगती है जैसे उसे कोई दोहरा पड़ रहा हो। संजय की पत्नी अपने बेटे को इस हालत मे देखकर घबरा जाती है और तुरंत अपने पति संजय को फोन करके बुलाती है संजय तुरंत काम छोड़कर अपने घर आ जाता है और अपने बच्चे को ले जाकर एक डॉक्टर को दीखता है। डॉक्टर उस बच्चे का इलाज करने लग जाते है लेकिन बच्चे की सेहत और भी ज्यादा खराब होने लगती है। बच्चा पहले तो बोल भी रहा था लेकिन पाँच दिन अस्पताल मे रहने के बाद बच्चे का बोलना भी बंद हो जाता है।
bhoot ki kahani |
संजय को कुछ समझ मे नहीं आ रहा था कि आखिर इस परस्तीथी मे क्या करे संजय अपने परिवार को इस बात को बताता है और रोने लग जाता है। यह सब सुनकर संजय के पिता जी ने कहा की अपने बेटे और बीबी को लेकर जल्दी से घर आ जाए। संजय अपने पिता की बात मानकर अपने गाँव के लिए रवाना हो जाता है। गाँव मे पहुचते ही अपने पिता के गले लगकर रोने लगता है और कहता है कि मेरे बेटे कि जान बचा लो नहीं मे भी मर जाऊंगा। संजय के पिता अपने पोते को लेकर एक बाबा के पास पहुच जाते है और उस बाबा को अपना पोता दिखते है। बाबा bhoot preto का इलाज किया करते थे इस मामले मे बाबा पहुचे हुये थे।
बाबा ने बच्चे को देखकर तुरंत बता दिया कि तुम्हारे बच्चे के अंदर एक आत्मा वास कर चुकी है और इस आत्मा ने बच्चे को बुरी तरह से जकड़ लिया है चार दिन तक इस बच्चे को मेरे पास लाना होगा और बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाएगा। संजय पिता ने जब ऐसा सुना तो वह खुशी से झूम उठे। और बाबा से कहा जैसा आप कहे वैसा ही होगा लेकिन मेरे पोते को ठीक कर दो। बाबा ने बच्चे के ऊपर से उस आत्मा को एक एक करके पाँच दिन तक हटाया और बच्चे कि हालत धीरे धीरे सुधरने लगी पाँच दिन के बाद बच्चा बोलने भी लगा था। 5 दिन हो जाने के बाद बाबा ने कहा कि आपका बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया है।
बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया था और खेलने भी लगा था। 15 दिन गाँव मे रुकने के बाद संजय नौकरी के लिए शहर जाने को कह रहा था क्योकि संजय को नौकरी भी करनी थी। संजय अपने बेटे और पत्नी को लेकर फिर उसी शापित घर मे जाता है जिस घर मे उसके बेटे कि तबीयत खराब हुई थी लेकीन संजय को यह नहीं पता था कि इस घर कि वजह से उसके बेटे ही हालत खराब हुई थी। संजय को दो ही दिन हुये थे इस घर मे फिर से उसके बेटे की हालत वैसी ही हो गई थी। संजय जब देखता है उसका बेटा पहले की तरह से हो गया है तो नौकरी छोड़कर फिर से भाग पड़ता है अपने गाँव की तरफ। अपने बेटे को उस बाबा के पास ले जाता है जिस बाबा ने उसके बेटे का पहले इलाज किया था। बच्चा उसी हालत मे होता है जिस हालत मे पहले हो गया था। बाबा बच्चे को देखता है वही आत्मा होने की बात कहता है।
बाबा भी हैरान हो जाते है जब देखते है वही आत्मा उस बच्चे के शरीर मे दुवारा से प्रवेश कर गई है और अपनी शक्तिओ दुवारा पता लगाने का प्रयास करने लगते है। बाबा को अपनी शक्तिओ से यही पता चलता है असली जड़ वह शापित घर है जहा पर संजय परिवार रहा करता था। बाबा ने फिर से बच्चे को ठीक किया और संजय के नए घर मे पता लगाने की कोशिश आखिर ये आत्मा बच्चे पर बार बार क्यो आ रही है। बाबा घर मे के चरो तरफ पता लगाने की कोशिश करते है कि यहा कोई अंजान शक्ति तो नहीं है।
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