moral stories in hindi, Ishvar ka sath bhagwan ki kahani

            










दोस्तों हम हम आपको एक ऐसी moral stories in hindi के बारे में बताने जा रहे है जो ईश्वर पर विश्वाश कर लेता है तो ईश्वर उसका साथ कभी नहीं छोड़ते। आजकल सभी लोग भगबान को मानते है लेकिन सच्चे दिल से जो ईश्वर को फरियाद करता है उसकी फरियाद कभी खाली नहीं जाती। 


moral stories in hindi, ईश्वर का साथ 



एक बच्चा बहुत ही शानदार नसीब लेकर पैदा होता है जिसकी हाथों की लकीरों में भी ईश्वर का साथ लिखा हुआ था। उस बच्चे का नाम अमित रखा गया था। उस बच्चे पर ईश्वर की अपार कृपा थी। अमित जैसे-जैसे बड़ा होता गया वैसे-वैसे अमित का रुझान ईश्वर की पूजा अर्चना में होता गया।





अमित रोजाना ईश्वर की पूजा करता था और यह पूजा दिल से करता था। अमित ईश्वर की पूजा करते करते युवा अवस्था में आ जाता है। अमित का परिवार मध्यम वर्ग की श्रेणी में आता था। अमित के परिवार वाले भी अमित से और क्यों प्यार करते थे। अमित को धीरे धीरे एहसास होने लगा था कि कोई अदृश्य शक्ति उसके साथ खड़ी हुई है।



एक बार अमित के सपने में ईश्वर ने दर्शन दिए और कहा जब तू खुशहाल होगा तो चलते वक्त तेरे दो पैरों के निशान के साथ मेरे भी पैरों के निशान होंगे। ऐसा कहकर अमित के सपने से भगवान चले जाते है। साथ ही मैं सावधान कर कर जाते हैं कि कभी भी मेरी शक्ति को चेक करना हो तो अकेले में ही चेक करें और यह कहानी किसी को ना बताएं।






अमित जब सुबह को उठा तो अमित को भेज सपना पूरी तरह से याद था। और क्या क्या ईश्वर ने कहा था वह भी सब अमित को याद था। अमित ने उस सपने की सत्यता जानने के लिए एक गीली जमीन पर अकेले ही चला जाता है। जहां पर दूर-दूर तक कोई नहीं था। अमित ने अपने दोनों पैरों में से चप्पल निकालकर अलग रख दी और उस गीली जमीन पर चलने लगता है। अमित को अचानक क्या दिखाई देता है कि अमित के पैरों के निशान के साथ दो किसी और के पैर के निशान नजर आ रहे थे।











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अमित यह देख कर हैरान हो जाता है। और थोड़ा सा डर जाता है। अमित यह सब देखकर इतना खुश हो जाता है कोई मेरे साथ खड़ा है। उसके साथ खड़ा होने वाला भी श्याम भगवान है। अमित की कुछ दिनों बाद नौकरी लग जाती है। और बह नौकरी करने के लिए रोजाना जाने लगता है। अमित अपनी नौकरी की तनख्वा से आधा पैसा अपने घर के खर्च के लिए और आधा पैसा जमा करने लगता है। अमित को ऐसा करते करते 3 से 4 साल हो जाते है। जो इंसानों में अमित ने पैसा इकट्ठा किया था वह प्रेशर एक कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट कर देता है।

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जिस कंपनी में अमित ने शेयर ने पैसा लगाया था देखते देखते उस कंपनी के शेयर बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं। कुछ समय बाद अमित उस कंपनी के सारे शेयर बेचकर जो पैसा अमित को मिलता है उस पैसे से अमित अपनी कंपनी खोल लेता है। ईश्वर की कृपा से अमित की कंपनी ग्रो करने लगती है और कुछ सालों में अमित करोड़पति हो जाता है। अमित का जीवन एक खुशहाल जीवन में बदल जाता है। जहां अमित को रूपए पैसे की कोई भी परेशानी नहीं थी। इस खुशहाल जीवन में भी अमित कभी भी ईश्वर का नाम लेना नहीं भूलता था। जब अमित को ईश्वर का रूप देखना होता था तो वह किसी समुंद्र के किनारे अकेले में घूमने चला जाता था। अमित की पैरों के निशान के साथ साथ ईश्वर की भी पैरों के निशान अमित को दिखाई देते थे।



कुछ समय बाद अमित की शादी हो जाती है। और बच्चे भी हो जाते हैं। अमित का हंसता खेलता परिवार को जाता है। अमित के पास अरबों ऐसो आराम था जिसके लिए उसके परिवार वालों को कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े। कुछ समय के बाद अमित के कारोबार पर किसी की नजर लग जाती है। अमित का पूरा कारवार धीरे-धीरे घाटे में चला जाता है और अमित धीरे धीरे कंगाल होता चला जाता है। अमित के करनाल होता देख अमित के करीबी दोस्त और रिश्तेदार सभी अमित का साथ छोड़ने लगते हैं। एक दिन ऐसा जाता है कि अमित को कंगाल होते देख अमित की पत्नी भी अमित का साथ छोड़ कर चली जाती है।












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अमित यह सब देख कर परेशान हो जाता है। एक सुबह घूमने के लिए समुद्र के किनारे पहुंच जाता है और वहां घूमने लगता है और क्या देखता है कि अमित को दो ही पैर नजर आ रहे थे सिर्फ अपने ही पैरों के निशान अमित को दिखाई दे रही थी अमित यह देख कर हैरान हो जाता है और घर वापस आ जाता है घर वापस आने के बाद अमित ईश्वर को कोसने लगता है और कहता है कि हे ईश्वर मैंने आपकी बचपन से पूछा कि सब ने मेरा साथ छोड़ दिया लेकिन आपने भी मेरा साथ छोड़ दिया।












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एक रात जब अमित सो रहा था तो ईश्वर फिर उसके सपने में आते हैं और अमित से कहते हैं कि मैंने तेरा साथ कभी नहीं छोड़ा तो अमित पूछता है कि जब मैं परेशान तंगी में जीवन जी रहा था तब आप के पैरों के निशान मुझे नहीं दिखाई दे रहे थे। तो ईश्वर कहते हैं कि जब तू कंगाली हालत में जीवन गुजार रहा था। तब तू इतना कमजोर हो गया था कि मैंने तुझे अपनी गोद में उठा रखा था इसलिए तुझे दोपहर की निशानी नजर आ रहे थे वह पैर के निशान में रही थी तुझे मैंने अपनी गोद में उठा रखा था तभी तेरे पैरों के निशान नहीं दिखाई दे रहे थे यह मेरे पैरों के निशान थे। अमित से यह कहकर ईश्वर अमित के सपने से चले जाते हैं और जब अमित सुबह उठता है तो अमित को प्रस्ताव होता है कि मैंने ईश्वर के बारे में क्या क्या गलत कहा और ईश्वर से अमित ने क्षमा मांगी।



ईश्वर ने भी अमित को झमा कर दिया। अमित सब कुछ भूल कर दोबारा मेहनत करने लगता है और कुछ सालों के बाद वही मकाम हासिल कर लेता है।











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दोस्तों इस कहानी का यह मतलब था कि सच्चे से ईश्वर की पूजा की जाए माना जाए तो इस वक्त उस व्यक्ति का कभी भी साथ नहीं छोड़ता है जो सच्चे दिल से ईश्वर की पूजा अर्चना करता है। महंती आदमी की कभी हार नहीं होती यह अमित ने दिखा दिया।



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