jinn aur shaitan ki takkar | bhoot ki kahani

             jinn aur shaitan ki takkar bhoot ki kahani











bhoot ki kahani:- एक लड़का जो अपनी किस्मत में जिन्न का साथ लेकर पैदा होता हैं उस लड़के के नसीब में कुदरत ने जिन्न का साथ लिखा था . उसके माता पिता गरीब थे और वह एक गाँव में छोटा से घर में रहा करते थे जब वह लड़का छोटा था तब उसका नाम माता पिता ने विकाश रखा गाँव के सभी लोग बड़े प्यार से विकाश नाम से बुलाते और विकाश का दुलार किया करते थे. विकाश पुरे गाँव के लोगो को पसंद आता था विकाश बहुत चंचल स्वभाब का था जब विकाश 12 साल का हो गया तो गाँव में रहने बाले अन्य बच्चे को वोह अपने साथ लेता और मस्ती किया करते थे वह बच्चों के ग्रुप का डॉन था . रोज अपने घर से निकल आना और सभी बच्चो के साथ खेलना विकाश को बहुत पसंद था माता पिता के डाटने या मारने पर विकाश नहीं मानता था फिर भी वह जब मोका देखता तो खेलने के लिए आ जाता .










विकाश की जेसे जेसे उम्र बढ़ रही थी वेसे ही उसके मन में लालसा उठती थी गाँव से बहार का नज़ारा देखू तो एक दोस्त को लेकर वो कभो कभी गाँव के बहार आ जाता था . और विकाश को बहुत अच्छा लगता था जेसे कोई अमृत मिल गया हो . विकाश घर पर बिना बताये आ जाता था . घर बालों को पता भी नहीं था की हमारा बेटा गाँव के बहार भी जाता हैं . विकाश एक दिन गाँव के बहार एक दोस्त के साथ घूम रहा था तो विकाश को एक कुया दिखाई पड़ता हैं विकाश उस कुए पास चला जाता हैं उस कुए की ओर देखने लगता हैं .लेकिन विकाश को यह नहीं पता था की इस कुए में क्या हैं गाँव के बड़े बूढ़े लोग ही जानते थे की इस कुए में क्या हैं गाँव के लोगो का मानना था कि इस कुए में एक खूखार शैतान रहता है जो इस कुए में  कुछ देर तक देखने में वह शैतान जाग जाता हैं bhoot ki kahani.












विकाश कुए में देखता रहता है और घर की ओर चल पड़ता हैं घर पर पहुच जाता हैं जेसे ही शाम ही जाती है . विकाश सो जाता हैं रात के 1 बजे के टाइम विकाश को भयानक सपने आने लग जाते इतने भयानक सपने आने लग जाते है की विकाश चीखने लगता हैं . चीखने पर विकाश के माता पिता उठकर विकाश को देखते हैं तो विकाश का पूरा शरीर पसीने में भीग रहा था . विकाश बहुत ज्यादा डर चूका था इसलिए उसको पसीना आ रहा था . विकाश के माता पिता विकाश के पास ही सो जाते हैं जब सुवह होती हैं तो विकाश ठीक ठाक उठ जाता हैं . जैसे उसे कुछ न हुआ हो और जब रात होती विकाश को वेसे ही डरावने सपने आते विकाश मानसिक रूप से परेशांन रहने लगता हैं उसके साथ एसा कई दिनों तक चलता रहा विकाश को परेशान देख उसका दोस्त विकाश को गाँव के बहार घुमाने के लिए ले आता है.












वह कुया के पास से निकल कर आगे की ओर बढ़ जाते हैं चलते चलते विकाश जब थक जाता हैं तो वहा पर बैठकर आराम करता हैं जैसे ही विकाश घर को आने को होता हैं . तो उसे एक चमकती हुई अगूठी दिखाई देती हैं . विकाश उस अगूठी को उठा लेता हैं अपनी जैब में रख लेता हैं . घर आ जाता हैं . घर आने के बाद जब रात होती है तो विकाश जब सोया हुआ होता हैं तो विकाश को भयानक सपने की बजाये एक जिन्न सपने में आकर विकाश को जेब में रखी अगूंठी को पहनने के लिए बोलता है अपने आप को दोस्त बताता हैं . माता पिता को वह सब कुछ बताता था . जो रात को उसके साथ होता था . वेसे ही इस सपने के बारे में विकाश अपने माता पिता को बताता हैं . माता पिता को यह नहीं पता था कि सच में वह अगूठी उस के पास हे माता पिता वस् दिलासा देते थे . कि यह सपने सबको आते हैं लेकिन इन सपनो से डरना नहीं चाहिए .















jinn aur shaitan ki takkar
bhootkikahani.in



विकाश सुवह उठकर नहा कर कपडे बदल लेता है वह अगूठी उन उतारे हुए कपड़ो में रह जाती हैं . वह शैतान विकाश पर हाबी होने लगता हैं और विकाश तबियत ख़राब होने लगती हैं माता पिता विकाश के इलाज के वैध के पास जाते हैं . वैध विकाश के लिए 5 6 दिन की दबी बांध कर देता हैं विकाश के माता पिता विकाश को रोजाना दबी खिलाते हैं लेकिन विकाश की तबियत में जरा सारा भी सुधार नहीं हो रहा था . विकाश की हालत बहुत ही नाज़ुक हो जाती हैं वह शैतान तिल तिल विकाश को मारने लगता है . पूरे शरीर पर वह शैतान कब्ज़ा कर लेता हैं . वैध भी बहुत कोशिश करता है की विकाश ठीक हो जाए लेकिन वैध भी हार मान जाता हैं . विकाश के माता पिता को बुलाकर कहता हैं मेने बहुत कोशिश की लेकिन विकाश हालत में नेक सा भी सुधार नहीं हुआ वश इश्वर ही विकाश को बचा सकता हैं . माता पिता यह सुनकर फूट फूट कर रोने लगते हैं इश्वर से प्राथना करते हे कि हमारे बच्चे की जान बकछ दे bhoot ki kahani.











जैसे ही रात के 1 बजता हैं वैसे विकाश को दोहरे पड़ने लगते हैं विकाश तड़पने लगता हैं . माता पिता ये देख दबाई को देखने लगते हैं घर में अँधेरे वजह से दबाई ढूडने में परेशानी हो रही थी . विकाश की माता की नज़र विकाश के कपड़ों पर पड़ती हैं विकाश के कपड़ों में वह अगूठी चमक रही थी . विकाश की माता उस अगूठी को निकाल  लेती हैं जेसे ही विकाश को दोहरा पड़ता वेसे ही अगूठी चमक ने लगती विकाश के माता पिता को याद आता है कि विकाश ने इस अगूठी जिक्र अपने सपने में किया था . विकाश को इस अगूठी को विकाश पहना देते हैं .पहनाते ही जिन्न विकाश के पास आ जाता हैं और विकाश के शरीर से उस शैतान को अपने बल का प्रयोग करके निकालता हैं .












विकाश के चारों ओर एक सुरछा घेरा बना देता हैं . जब तक वह अगूठी विकाश की ऊँगली में थी जब तक वह शैतान विकाश का कुछ नहीं कर सकता था . जैसे ही शैतान विकाश के शरीर में घुसने की कोशिश करता जिन्न शैतान को मार भगाता शैतान न मानने पर जिन्न और शैतान की टक्कर को जाती हैं वह शैतान भी कम ताकतवर नहीं था . लेकिन जिन्न की शक्ति का अंदाजा नहीं होता की वह कितना ताकतवर हैं जिन्न और शैतान लड़ाई में शैतान मारा जाता हैं . जिन्न ने पूरी ताकत झोक् कर अपनी शक्ति का प्रयोग करके उस शैतान का नाश कर देता हैं . क्योकि इश्वर ने विकाश की किस्मत में एसा लिखा था . जिन्न को इश्वर के आदेश का पालन था जिसमे जिन्न को अपने आप को मिट जाना क्यों न पड़ता इस प्रकार विकाश जान जिन्न ने बचाली विकाश पूरी तरह से ठीक हो गया विकाश कुछ भी परेशानी पड़ती जिन्न सबसे विकाश की मदद के आता विकाश जब तक जिया उस अगूठी को अपनी ऊँगली से नहीं निकाला.














दोस्तों आपको यह bhoot ki kahani केसी लगी नीचे कमेंट में बताये और शेयर  करना न भूले आपका दिन शुभ रहे धन्यवाद




1 Comments

Previous Post Next Post