bhoot ki picture | bhoot ki kahani

नमस्कार दोस्तो आप सभी का हमारे ब्लॉग bhoot ki kahani मे बहुत- बहुत स्वागत है आज हम आपको बताने जा रहे है bhoot ki picture के बारे मे ये कहानी काफी ज्यादा darawni kahani होने जा रही है आइये पड़ते है इस कहानी को और आपसे अनुरोध है कि क्रपया इस कहानी को पूरा पड़े तभी आपको आनंद आने वाला है।


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एक से लगभग 800 मीटर पर एक खंडर बना हुआ था। गाँव मे रहने वाले लोग इस खंडर को शापित बानते थे और इस खंडर के अंदर कोई भी जाना पसंद नहीं किया करता था क्योकि बताया जाता है कि इस खंडर मे कई लोगो की जान चली गई थी इसलिए गाँव के लोग इस खंडर के अंदर जाने बहुत ज्यादा डरा करते थे। 



इस गाँव मे अफवाह भी यही फैली थी कि इस खंडर मे bhoot pret और aatmao का साया है। गाँव के लोगो का कहना था कि इस खंडर को भूत प्रेत और आतमाए इस स्थान को अपना को अपना निवास स्थान समझते है और इसी खंडर मे वह रहते है।


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गाँव के लोग इस खंडर से इतना डरते थे कि इस खंडर के आस पास भी भटकना पसंद भी नहीं किया करते थे। 



क्या था इस खंडर का शापित होने का राज


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यह खंडर जब बनाया गया था जब उस समय पर ये गाँव भी नहीं हुआ करता था। ये खंडर लगभग 100 पुराना बना हुआ था। इस खंडर को पहले एक फैक्टरी के रूप मे बनाया गया था ताकि यहा पर एक फैक्टरी का निर्माण किया जा सके। इस फैक्टरी के मालिक को इस बनवाने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ा था। 



जब यह फैक्टरी बन रही थी तब बताया जाता है इस फैक्टरी के मालिक को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा था। फैक्टरी का निर्माण का काम चल रहा था इसी बीच इस फैक्टरी मे कई मजदूरों की जान भी चली गई थी। इस फैक्टरी के निर्माण मे जब मजदूरों की मरने की संख्या बढ्ने लगी तब इस फैक्टरी के मालिक को इसका निर्माण रोकना पड़ा था और इस फैक्टरी ऐसे ही रहने दिया गया जब से आज तक यह फैक्टरी ऐसी की ऐसी है।



इस समय पर यह फैक्टरी एक खंडर का रूप ले चुकी है और यह फैक्टरी शापित भी है।

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गाँव के लोगो का कहना है कि इस फैक्टरी मे पागल जैसे लोग या फिर मुशाफ़िर जैसे लोग बरसात के समय पर इस फैक्टरी मे ठहरते थे तो उनके साथ कुछ न कुछ गलत जरूर हो जाता था। इस फैक्टरी मे ज्यादा समय तक रुकने के कारण कई लोगो कि तो जान भी चली जाती थी। इस फैक्टरी मे ज़्यादातर मरने वाले पागल ही होते थे क्योकि इन लोगो को अपने के ही सुध नहीं होती है तो ये क्या जाने की इस फैक्टरी मे भूत है या कुछ ओर।



इसलिए इस गाँव गाँव मे रहने वाले लोग इस खंडर को मनहूस माना करते थे।



एक बार इस खंडर का पता कुछ शहर के युवको को पता चलता है ये युवक इस खंडर को देखने भी आते है और इस खंडर की जानकारी गाँव के लोगो से लेते है लेकिन इस खंडर के अंदर नहीं जाते है क्योकि उस समय पर उनके साथ वह समान मौजूद नहीं था जो वह उस खंडर के अंदर जा सके।



इन युवको का मानना था कि इस खंडर मे वह रात जरूर बिताएँगे। ये युवक शहर अपने घर जाते है और इस खंडर के बारे मे अपने दोस्तो को भी बता देते है ताकि वह भी उनके साथ इस खंडर मे एक रात के लिए साथ चले। इन युवको के दोस्त भी इस खंडर एक रात बिताने के लिए राजी हो जाते है।


ये सभी युवक कुछ समान छुटाने लगते है तो रात मे खंडर मे काम आ सके। ये समान जैसे एक कैमरा, टॉर्च और अन्य चीजे। ये सभी अपना समान एक जगह पर इकट्ठा कर लेते है ताकि जाते समय कोई समान इनसे छूट न जाए। ये सभी युवक रात मे इस खंडर के पास पहुच जाते है और अपना समान तैयार करने लगते है। इस खंडर मे अंदर जाने से पहले इनका सभी समान अच्छे से काम करे ताकि इनको कोई भी परेशानी न हो।


ये सभी लोग इस खंडर मे दाखिल हो जाते है जब ये लोग इस खंडर मे दाखिल होते है उस समय रात के 11 बज रहे थे। ये सभी दोस्त इस खंडर मे घुसते ही अपना अपना काम संभाल लेते है जैसे कि कोई कैमरा चला रहा है तो कोई फ्लैश लाइट दिखा रहा है सभी अपना काम करने लग जाते है।


कैमरा मेन इस खंडर की विडियो भी बनाने लगता है खंडर मे इन लोगो को बड़े बड़े मकड़ी जाले दिखाई दे रहे थे इसके साथ यहा पर इनको बहुत सारी चूमकदार भी दिखाई दे रही थी। ये सभी लोग रात के 2 बजे तक अपना काम करते रहे और 2 बजे से समय ये लोग आराम करने लगे। 2 बजे तक तो इन लोगो को कोई भी परेशानी नहीं लेकिन जैसे ही 3 बजते है इन लोगो को अब परेशानी का सामना करना पड़ता है।




जैसे रात के 3 बजते है इन लोगो को खंडर के अंदर से कुछ चीखे सुनाई देने लगती है। ये सभी लोग इन चीखो का पता भी लगाना चाह रहे थे कि आखिर ये चीखे आ कहा से रही है। जैसे ही ये लोग चीख वाले स्थान पर जाते है उस जगह पर इनको कुछ नहीं मिलता।


ये चीखे इस खंडर के अलग अलग दिशा से आ रही थी। ये लोग सभी जगह जा रहे थे लेकिन इनको कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। ये लोग पूरी तरह से डर भी गए थे कि आखिर ये इनके साथ क्या हो रहा है। उस समय पर 3 से ज्यादा का समय हो चुका था और इन लोगो के सिवा इस खंडर मे और कोई भी नहीं था।



जैसे ही रात के 3.50 बजते है तो इन युवको पर ईट के रोड़े बरसने लगते है। आप भी जानते है कि भूत प्रेत और आत्माओ की शक्ति रात 3 बजे के बाद कितनी बड़ जाती है। ये रोड़े खंडर की दीवारों पर ऐसे लग रहे थे कि जैसे आदमी इन रोड़ो को अपने हाथों से फैक रहा था। इस खंडर मे रहने वाली सभी आतमाए ये सब कर रही थी क्योकि उन आत्माओ का इन लड़को का इस खंडर मे घुसना विलकुल भी पसंद नहीं आया था।



ये लड़के काफी ज्यादा डर गए थे और अपनी जान बचाने के लिए इस खंडर से दूर भागने लगे थे लेकिन जब ये रोड़े बरस रहे थे तब कुछ लड़के इन रोड़ो से जख्मी भी हो गए थे लेकिन कैसे न कैसे ये लड़के इस खंडर से बाहर निकले और इस खंडर से जितना दूर जा सकता था वह इस खंडर से उतना दूर गए।


इन सभी को ये भी एहसास हो जाता है कि आखिरकार इस खंडर मे कुछ न कुछ जरूर था।

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note:- इस खंडर मे आत्माओ का वास था जो कि इस खंडर मे पागल मजदूर और मुसाफिर मारे गए थे इन सभी की आत्मा इस खंडर मे भटक रही थी। ये सभी आतमाए नहीं चाहती थी की उनके और इस खंडर के बीच कोई और तीसरा आए। इसलिए इन आत्माओ ने इन लड़को पर जान लेवा हलमा किया था।

इन लड़को को भी पता चल गया था कि हर जगह उगली नहीं की जा सकती। हम आपको बता दे कि ज्यादा उगली करने पर कभी कभी अपनी जान पर बन आती है। जब इतने लोग इस खंडर को शापित मान रहे थे तो इसमे 20% तो कम से कम सच्चाई होगी।


दोस्तो आपको ये bhoot ki picture और bhoot ki kahani कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताए अगर आप इस तरह की कहानियाँ पड़ना पसंद करते है तो हमारे ब्लॉग का नाम ध्यान रखे। 



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